पुलिस ने व्यवस्था में अपनी तरफ से चाहे कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ रखी हो मगर कुछ बुनियादी चीजों पर उनको ध्यान देने की आदत कब पड़ेगी इसका पता तो सिर्फ पुलिस वाले खुद ही जान सकते हैं |



आज ही का ताजा हालात देखिए कि गोपीनाथ जी के मंदिर के आगे कई हजारों की भीड़ जमा थी और ऐसे में भीड़ की निकासी के लिए बड़ी गाड़ियों को पुलिस ने रोक रखा था मगर वहीं पर एक के पीछे एक कई गाड़ियां लगा कर पुलिस वालों ने खुद ही रास्ता जाम कर डाला | ऊपर वाला न चाहे मगर अगर अफवाह के पैर नहीं होते और अगर वो फ़ैल जाए या कोई भगदड़ मच जाए तो भीड़ को निकलने के लिए यही पुलिस गाड़ियाँ रोक लेती और एक दूसरे के ऊपर चढ़कर ही जाने को मजबूर कर देती |


अब यह तो माना नहीं जा सकता कि यह कोई सामान्य दिन था और यह कोई सामान्य माहौल चल रहा था जबकि  पिछले कई दिनों से मोबाइल इंटरनेट तक बंद करने की नौबत आई पड़ी है | और ठीक इसी समय  हजारों की भीड़ को एक जगह इकट्ठा करके गलियों को और संकरा कर दिया जाता है |


तो इसमें क्या तो प्रकट प्रशासन है और क्या ही ऊपर वाले का राज है कि हमने कई ड्राइवरों से पूछने की कोशिश भी करी और पुछा कि भीड़ से अलग गाड़ी क्यों खड़ी नहीं करी है और क्यों वो खाली गाडी को अकेले ही चला रहे हैं तो उन्होंने अपने उग्र दबंगई नजर से ऐसा देखा कि हम दो कदम पीछे हटे और अपना सा मुह लिए आगे चल पड़े

कोई भी सीकर वासी इस वीडियो को देखकर समझ जाएगा कि हम किस बारे में बात कर रहे हैं और हमारी बात कितनी सही है

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