सीकर सीट राज्य में सबसे राजनैतिक सीट की तरह समझी जाती है और जिले में कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों के क़द्दावर नेताओं की पूरी सूची उपलब्ध है ऐसे में हर पार्टी के लिए बड़ा मुश्किल हो जाता है कि किसे सांसद उम्मीदवारी का टिकट दें और किसकी टिकट काटें।

जनता के लिए उपलब्ध, सभी का सम्मान, कार्यकाल में कोई सांप्रदायिक विवाद नहीं

पिछले पॉंच साल में भाजपा के सांसद स्वामी सुमेधानंद जिले भर में आम साधारण के लिए न सिर्फ उपलब्ध रहे बल्कि अपनी जी तोड़ मेहनत व व्यवहार के कारण पार्टी व विरोधियों में भी सम्मान हासिल करते रहे। ज़िले में ऐसे कई उदाहरण देखने को मिल जाते हैं जहाँ पर सांसद जैसी बड़ी पोज़ीशन होते हुए भी सुमेधानन्द छोटी सभाओं में भी पहुँचे और जनता से सीधा संवाद स्थापित किया। भगवा धारण करने के बावजूद आमतौरपर जिस प्रकार के विवादित बयान देते कई नेता दिख जाते हैं वैसा एक भी बयान जो किसी भी समुदाय को ठेस पहुँचाऐ, ऐसा कुछ भी स्वामी सुमेधानन्द की ज़ुबान से नहीं निकला है।

बतौर सांसद सबसे ज्यादा राशि जनकल्याण कार्यों में लगवाने का रिकार्ड सुमेधानंद के खाते में 

सांसद के तौर पर स्वामी सुमेधानन्द ने विवादों में समय बर्बाद करने के बजाए ज़िले के रुके हुए कार्यों को करवाने में अपनी शक्ति लगाई जिससे क्षेत्र को काफी फायदा हुआ। ऐसा नहीं है कि स्वामी सभी के सभी कार्य करवा पाऐ हों मगर ऐसा जरूर है कि राज्यभर में सबसे ज़्यादा सांसद कोष की राशि का इस्तेमाल करने और सीकर की जनता को बाकि जिलों के मुकाबले ज्यादा बेहतर स्तिथि में पहुँचाने का श्रेय सुमेधानंद को जाता है।

मोदी की भी पहली पसंद हैं सुमेधानंद

सूत्रों के हवाले से ख़बर है कि मोदी की भी पहली पसंद हैं स्वामी
सुमेधानन्द। जब मोदी भाजपा राजस्थान के सभी सांसदों का सर्वे कॉर्ड देख रहे थे और टॉप पर सुमेधानंद थे, तब उनके मुंह से निकला था “वाह यह हुई न बात”। 

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