करनी सेना (गोगामेडी) के राष्ट्रीय महासचिव उम्मेद सिंह करीरी सीकर जिले में श्रीमाधोपुर या दांतारामगढ से चुनाव लड़ सकते हैं और उन्हें कांग्रेस से टिकेट मिलने की पेशकश होने का बाज़ार गर्म है, हालाँकि फ़ोन पर बात करने से उन्होंने अभी इसपर कुछ कहने से मना कर दिया है और कहा कि वो अभी श्री राष्ट्रीय राजपूत करनी सेना के कल होने वाले अधिवेशन की तैयारी में व्यस्त हैं

दांतारामगढ के क्षत्रियों में हैं एकजुटता 

हालाँकि दांता रामगढ में क्षत्रिय समाज में जबरदस्त एकजुटता है मगर भाजपा से क्षत्रिय इसलिए भी नाराज चल रहे हैं क्यूंकि आज़ादी के बाद से ही राजपूत को वहां का टिकेट देने में भाजपा ने कंजूसी बरती है इसलिए इसका फायदा इस बार कांग्रेस उठाती हुई दिख रही है 

गोगामेडी के करीबी हैं उम्मेदसिंह करीरी

करनी सेना ने जिस तरह ताबड़तोड़ रेल्लियाँ, विरोध प्रदर्शन किया है उसको गोगामेडी टीम की अव्वल दर्जे की संगठनआत्मक तरीके को देखा जा सकता है और क्षत्रिय समाज का युवा जो अभी तक अपने आप को राजनीती के हाशिये पर समझा जाता था वो अब अपनी शक्तियां टटोल रहा है, इसका जबरदस्त प्रभाव आने वाले चुनावों में देखा जा सकता है 

सचिन पायलट बनाम अशोक गहलोत

अभी उपचुनाव में खबरें निकलकर सामने आई थी जहाँ पर तीनो सीटों में माना जा रहा है कि अशोक गहलोत की जगह सचिन पायलट की पसंद को ही तरजीह दी गई थी वहीँ गहलोत के पसंदीदा नारायण सिंह को इस खबर को हलके में नहीं लेना चाहिए 

नयी तरह की राजनीती का उदय हुआ है चंद महीनो में 

विरोधी का विरोधी दोस्त होता है ये कई बार कह चुके हैं गोगामेडी अपनी राल्लियों में और खुलकर सामने आने का जो माद्दा करनी सेना गोगामेडी ने उठाया है वो पहले वाली करनी सेनायें नहीं उठा पाई हैं 

सिर्फ करनी सेना गोगामेडी ने ही किया था खुलकर कांग्रेस का समर्थन 

जी हाँ, इस समय हर क्षत्रिय संस्था भाजपा को हारने का श्रेय लेने में लगी हुई है मगर रिजल्ट आने से पहले एक भी ऐसा बयान खुलकर नहीं आया था जहाँ पर ऐसा लगे कि गोगामेडी के अलावा बाकि सुप्रीमो भाजपा के खिलाफ मन से विरोध कर रहे हों, इसका सबूत आपको उनके ऑफिसियल फेसबुक और ट्विटर पर मिल जाएगा जो रिजल्ट आने के बाद ही जोश में दिख रहे हैं 

गोगामेडी बना सकते हैं शक्तिशाली दल 

यूँ तो करनी सेना बहुत पहले से काम कर रही है मगर उसको राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली गोगामेडी के आने के बाद में, पहले सिर्फ खानापूर्ति के लिए विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी हुआ करती थी मगर क्षत्रिय समाज की इस प्रकार एकजुटता दिखाई नहीं देती थी, इस समय करनी सेना गोगामेडी यानि श्री राष्ट्रीय राजपूत करनी सेना ने 18 राज्यों में अपना संगठन विस्तार कर दिया है और इतनी तेजी से अभी तक कोई और संगठन का विस्तार हाल के दिनों में नहीं देखा गया 

भाजपा के पास उलटफेर करने के मौके शेष 

राजस्थान की ग्राउंड स्तिथि भाजपा के लिए बहुत ही ख़राब है इसको और ज्यादा ख़राब कर सकता है क्षत्रिय समाज की नाराजगी क्यूंकि अभी तक क्षत्रिय समाज बुरे से बुरे समय में भी भाजपा के साथ ही खड़ा नज़र आता था, इतना पुराना साथ एक झटके नहीं नहीं ख़तम होता | युवा ये मानते हैं कि उनको भाजपा से नाराजगी है मगर फिर भी कांग्रेस को समर्थन देना सिर्फ मजबूरी का नाम बता रहे हैं, ऐसे में थोड़ी बहुत मान मनुहार पर काम बन सकेगा तो भाजपा की राष्ट्रीय टीम कर सकती है, राज्य की टीम से तो शायद अब बात बनने की जगह बिगड़ ही जाए 
अभी चुनाव के लिए थोडा ही सही मगर समय शेष है, देखते हैं और क्या नए गठ बंधन बनते बिगड़ते हैं 



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