वर्त्तमान राजस्थान सरकार ने पेपर लीक और अव्यवस्था के रिकॉर्ड इतने पुख्ता बना दिए हैं कि आने वाली कई सरकारें इसके आस पास पहुँच पाएंगी इसमें बहुत संदेह है |

मोबाइल पर नेट बंद करना सबसे बड़ा संदेह पैदा करता है 

जिले भर में आज सुबह से ही नेट बंद था और कोई लड़ाई दंगा नहीं हुआ था बल्कि परीक्षा के चलते नेट बंद किया गया था | ऐसी अजीब दलील को कोई गधा भी कैसे मानेगा क्यूंकि साधारण लोगों के तो गले ही नहीं उतर रही बात | अगर पेपर लीक हुआ है तो ही नेट पर आएगा और अगर नेट बंद कर दोगे तोभी लैंड लाइन चल रहा था जिसके जरिये कथित तौर पर पेपर लीक कराने वाले इंस्टिट्यूट आराम से आपस में बड़े लेवल पर संपर्क कर सकते थे | हमने खुद सुबह नौ बजे से लेकर पांच बजे तक चार-पांच GB से ज्यादा डाटा इस्तेमाल किया है | सिर्फ मोबाइल पर इन्टरनेट बंद करने का क्या फायदा जहाँ सिर्फ फ़ोकट वाले अभ्यार्थी एक दुसरे के भरोसे होते हैं, पेपर लीक इनसे थोड़े हो सकता है, इतना मोटा काम कोई मोटा असामी ही कर सकता है जिसके पास इंस्टिट्यूट हो, लैंडलाइन हो | इसको बाबुओं की मंद्बुद्धिता कहना बिलकुल गलत है क्यूंकि इतना तो उनको पता ही है मगर वो बुद्धि इस्तेमाल में लाने से परहेज़ क्यूँ कर रहे हैं ये बड़ा सवाल है |
१. क्या अब हर exam से पहले नट बंद किया जाएगा
२.  क्या प्रशासन ये मानता है कि paper लीक  होने की अफ़वाह होने पर अब परीक्षार्थी  परीक्षा देने ही नहीं आएगा
३.  अफ़वाह रोकने के लिए पाँच बजे तक internet बंद करना ज़रूरी था ही नहीं क्योंकि दूसरी पारी वाला तो घंटों से हाल मे था।

अगर पेपर लीक नहीं हुआ तो सरकार ने केस दर्ज क्यूँ नहीं किया 

जो लोग जी न्यूज़ के चैनल पर पूरी जोर शोर से पेपर दिखा रहे थे अगर उनके आरोप गलत हैं तो सरकार तुरंत FIR करके उनको अफवाह फ़ैलाने और सरकार को बदनाम करने की साजिश के तहत मुकदमा दर्ज कर सकती हैं | यह सामान्य प्रक्रिया है |

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