आज शेखावाटी यूनिवर्सिटी की बीएससी की रसायन विज्ञान -2nd की परीक्षा थी, जिसमे विश्वविद्यालय ने लापरवाही का परिचय दिया
33 की जगह 48 मार्क्स का हुआ पेपर
पेपर 33 नंबर का होता ह लेकिन यूनिवर्सिटी ने पेपर को 48 नंबर का कर रखा था| जिसके हाथ में आते ही छात्रों के होश उड़ गए और छात्रों ने बताया कि काफी देर तक वो invigilator से बहस करते रहे|
Invigilator से बहस करने से ख़राब होता है समय
प्रोफेसर गोपीराम ढाका बताते हैं कि ऐसा कुछ भी हो तो भी छात्रों को सिर्फ पेपर अटेंड करने की तरफ ध्यान देना चाहिए क्यूंकि बाद में कुछ न कुछ हल तो निकल ही जाता है मगर बीता हुआ परीक्षा का समय दोबारा नहीं दिया जा सकता
छात्र नेता पहुंचे यूनिवर्सिटी, फोन कर दी जानकारी
अखण्ड भारती विद्यार्थी परिषद के जिला मंत्री
गणेश सैनी ने हमें बताया कि जब छात्र छात्राओं ने उन्हें फ़ोन किया तो वो उनसे मिलकर यूनिवर्सिटी पहुचे वहां उन्होंने एग्जाम कंट्रोलर से बात की तो उनको जवाब मिला कि एवरेज कर देंगे | छात्र नेता इस बात से नाराज थे कि जिन छात्रों का इसकी वजह से असमंजस बना और पेपर ख़राब हुआ उसका हर्जाना कैसे एवरेज से पूरा होगा ?
स्टाफ बेहद कम है मगर छात्र बहुत ज्यादा
यूनिवर्सिटी अभी अभी शुरू हुई है तो कार्य बेहद ज्यादा है और स्टाफ की पूरी नियुक्तियां नहीं हुई है ऊपर से एक स्टाफ को कई अलग अलग ऐसे भी काम करने पड़ रहे हैं जो उनके कार्य क्षेत्र में करने जरुरी नहीं है मगर फिर भी एक्स्ट्रा टाइम यूनिवर्सिटी में रहकर स्टाफ जैसे तैसे अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहा है |
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