अपने आप को धर्म निरपेक्ष बताने वाले चुनाव आते आते धार्मिक कार्ड खेलने में कोई कसर नहीं रखना चाहते इसलिए मंडी में सभा को संबोधित करते हुए अमराराम ने कहा कि मोदी और वसुंधरा के नाम में तो राम है ही नहीं मेरे नाम में राम है, पेमाराम के नाम में राम है, इतना राम तो भाजपा में भी नहीं है | किसान आन्दोलन में कांग्रेस के सहयोग से तीस हजार की भीड़ इकट्ठी करने के बाद भाजपा द्वारा समर्थित भगवा रैली में भारी भीड़ उमड़ गई थी जिसको देखकर अमरा ने हिन्दू कार्ड भी खेल दिया | वैसे पहले अमराराम राम मंदिर विवादित ढाँचे के बारे में बढ़ चढ़कर बयान दिया करते थे जिसके बारे में एकदम से खामोश हो गए हैं और अन्य मुद्दों को ही साथ लेकर चलते हैं और अब अपने नाम में राम होने का बखान कर रहे हैं|
वसुंधरा और प्रशासन जूते भी खायेगा और प्याज़ भी खरीदेगा
इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि वसुंधरा और प्रशासन जूते भी खायेगा और प्याज भी खरीदेगा ये बात अलग है कि राम नवमी से एकदम पहले हुई इस सभा के बाद अमराराम के रुख की गर्मी काफी कम हो गई और पिछली बार जब मुख्यमंत्री सीकर आई थी तो अमराराम उनसे हाथ जोड़कर अभिवादन करते दिखे मगर जो फोटो उन्होंने पार्टी मुखपत्रों को दी उसको क्रॉप करके ऐसे दिखाया गया कि मुख्यमंत्री अमराराम के आगे हाथ जोड़े खडी है जबकि वो किसी अन्य का अभिवादन कर रही थी | यहाँ महत्वपुर्ण हाथ जोड़ना नहीं बल्कि फोटो को गलत तरीके से पेश कर अपनी वाहवाही लूटना है | चुनाव में करारी हार झेलने के बाद जहाँ पूरी माकपा इस समय राजस्थान के नक़्शे से गायब चल रही है उनके नेताओं की इन्ही बातों से जनता उकता चुकी लगती है |
हिंसा की धमकी देना आम बात है अमराराम के लिए
इसके पहले माकपा ने जयपुर जाकर विधान सभा घेरने का प्रोग्राम बनाया था और कहा था कि उनकी अगर मांगे नहीं मानी गई तो पूरे जयपुर को ठप्प कर देंगे मगर भीड़ इतनी भी नहीं जुटी कि एक रोड भी बंद हो पाए जिसके चलते मीडिया में अमराराम ने बयान दिया कि अगर उन्हें रोकने की कोशिश की गई तो हिंसा हो जायेगी (उनके समर्थक कर देंगे) और उनके समर्थक जब हिंसा करेंगे तो उसकी जिम्मेदार भाजपा सरकार होगी |
लौट के अमरा घर को आये
जिन जिन मुद्दों को लेकर जयपुर के लिए निकले थे उनमें से एक भी मुद्दा सरकार ने नहीं माना और न ही ज्यादा जन समर्थन मिला इसी बीच कांग्रेस ने भी अपने हाथ पीछे खींच लिए जिसकी वजह से ही नब्बे प्रतिशत भीड़ आ रही थी | ऐसा होने के बाद हिंसा का बयान देकर पुलिस हिरासत में लिए जाने वाले अमराराम जेल से छुटते ही वापस आ गए और अभी तो ये नहीं बताया कि जब मांगे पूरी ही नहीं हुई तो वापस कैसे आ गए ??
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