लाल चंद सैनी को अस्पताल में फूले ब्रिगेड सुरक्षा मुहैया करा रही है। हैरानी की बात ये है कि यह सुरक्षा पुलिस से मरीज़ को बचाने के लिए मुहैया कराई जा रही है। लाल चंद सैनी जो बिजली विभाग का कर्मचारी है उसे पुलिस ने फ़र्ज़ी कनेक्शन नहीं लगाने की सजा दी थी और पीट पीटकर उसकी पसली तोड़ दी थी। लाल चंद सैनी को समाज वालों ने सुरक्षा दी और फूले ब्रिगेड का इसमें सबसे अहम योगदान रहा। इस समय भी वहाँ बारी बारी से दो तीन फूले ब्रिगेड के सदस्य लाल चंद सैनी की सुरक्षा में लगे हुए हैं क्योंकि उन्हें ऐसा लगता है की पुलिस वाले दोबारा से दबाव बनाकर केस हटाने के लिए लाल चंद सैनी के साथ दुर्व्यवहार कर सकते हैं। ![](https://lh3.googleusercontent.com/-8sJjtRW4SpM/W32i5l03nnI/AAAAAAAAO-c/IId4fj8TQ5kAAePGPD-bo_lhmjO9MD2dgCHMYCw/s5000/%255BUNSET%255D)
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लाल चंद सहने के माता पिता जहाँ पर रहते हैं वहाँ पर भी जयप्रकाश सैनी ने पुलिस ब्रिगेड के सदस्यों को सचेत कर रखा है।
ऐसी विकट समस्या और आश्चर्यजनक स्थिति पर जनसामान्य में हैरानी के साथ साथ पुलिस प्रशासन के प्रति भयंकर रोष है।
जिस प्रकार का ख़ुलासा हुआ है उसकी वजह से पुलिस की छवि पर बहत नकारात्मक असर पड़ा है और अभी तक ऐसा कुछ सामने नहीं आया है जिससे यह लग सके कि अधिकारी इन सबकी सुध ले रहे हैं।
केवल सामाजिक संगठनों के सामने आने की वजह से ही ग़रीब लाचार मज़दूर को न्याय मिलने की उम्मीद बँधी है अन्यथा कितने ही केस सामने भी नहीं आते होंगे इससे इनकार नहीं किया जा सकता
जयप्रकाश सैनी, फुले ब्रिगेड जिलाध्यक्ष का कहना है कि जब पुलिस की नौकरी के लिए नए लड़के लाईन लगा खड़े हैं तो अपराध होने पर तुरंत बर्खास्तगी करके नई भर्ती क्यूं नहीं करती सरकार, आठ दस लोगों को तुरंत बर्खास्त कर दिया जाएगा तो बाक़ी पुलिस महकमा अपनी हद में रहेगा, मगर ऐसी इच्छा शक्ति आयगी कहाँ से?
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