सीकर की छोटी मोटी खबरों से होते हुए राजस्थान भर के बन्धुओं का आशीर्वाद पा सीकर टाईम्स के एक लाख सबस्क्राईबर पूरे। आप भी सीकर टाईम्स की तरह अपना यू ट्यूब चैनल शुरू करें। एक दिन में सफलता नहीं मिलती इसलिए लगे रहें, अपने आप में सुधार करते रहें। एक दो वीडियो में किस्मत जरूर मायने रखती है मगर केवल किस्मत के भरोसे न बैठें। निरन्तर बदलाव लाएं, केवल वही काम करें जिसमें आपका इंट्रेस्ट है, केवल पापुलेरिटी और पैसे के लिए जितने लोगों ने यू ट्यूब आजमाना चाहा वो जल्दी ही निराश हो गए, इसलिए केवल दिल की आवाज पर काम करें, आपको सफलता मिलेगी। आज प्रिंट मीडिया और टीवी विलुप्ति की कगार पर है। जीओ की गीगाफाईबर आते ही प्रिंट की रही सही कसर भी निकाल जाएगी।  वैसे भी प्रिंट के पास नब्बे प्रतिशत खबरें सोशल मीडिया द्वारा बासी हो चुकने के बाद पब्लिश होती हैं उपर से प्रिंट में भी इंटरनेट से डाउनलोड कर कर खबरें छपने का चलन जोरों पर है, जिन्हे पढना हो तो कोई अखबार क्यूं खरीदे? 
पावर आपके मोबाईल में है, इसे इस्तेमाल करें
राजनीति में भी सोशल मीडिया का सही इस्तेमाल करके एक साधारण इंसान ने अपनी दावेदारी प्रधानमंत्री तक पक्की की, दूसरे ने एक आन्दोलन को सोशल मीडिया के जरिये हैक कर मुख्यमंत्री की सीट हासिल की। सोशल मीडिया की बदौलत, खींवसर का विधायक आज सीकर में ही सीकर विधायकों से बड़ी हैसियत रखने लगा जिसे पहले राजनेता केवल मजाक ही समझते थे। 
सोशल मीडिया है तेज खबरों का बाप 
रानी पद्मावती का आंदोलन हो या करनी सेना की तिरंगा यात्रा, जिस जिस खबर को प्रिंट इलेक्ट्रोनिक मीडिया ने दबाने की कोशिश की उन सभी खबरों को सोशल मीडिया ने उठाकर बता दिया कि मीडिया का असली बाप सोशल मीडिया है।वैसे ध्यान रहे आप जनता की आवाज बनने लगे और पैसे लेकर माहौल बनाने वाले प्रिंटिये आपसे चिढने लगे तो इसमे कोई बड़ी बात नहीं है। 
फर्जी खबरों का मुंह तोड़ जवाब
सोशल मीडिया ने पैसे लेकर छपने वाली खबरों की बखिया उधेड़नी शुरू कर दी है जो अब रुकेगी नहीं। दो चार हजार फेंककर बहरूपिये मैक्स प्लेंक जैसे तगड़े अवार्ड लेने की खबर अखबार में छपवा लेते थे, बस का आधा टायर डूबने पर पॉंच फीट पानी बता दिया जाता था। हद तब हो जाती है जब बीएड करने वाला आदमी दो चार टुकड़े डालकर यह छपवा लेता है कि उसने नासा के वैज्ञानिकों को ट्रेनिंग दी है और तो और ब्रिटेन उसको घर आकर नॉन अटेंडिंग एम एस की डिग्री दे रहा है। ऐसे दो चवन्नों ने तो सीकर टाईम्स को बंद कराने के लिए FIR लिखाई हुई है जिसका कानूनी रूप से मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा। पूरी डिटेल सही समय पर आएगी, उधारी किसी की नहीं रखी जानी चाहिये। 
न्यूज चैनल ही जरूरी नहीं
वैसे जरूरी नहीं कि आप केवल खबरों का ही चैनल बनाऐं, सीकर का ही चैनल “वीरू फौजी” सेना भर्ती के बेहतरीन वीडियो बनाकर भी जबर्दस्त पापुलर है। आप आज ही अपना चैनल शुरू करें क्यूंकि आपके चैनल को शुरू करने का सही समय आज ही है। 










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