केरल में किसानो को अपने आजीविका के एकमात्र साधन यानि खेत बच्चाने का संघर्ष और ज्यादा भारी पड़ गया जब वहां की कम्युनिस्ट सरकार के कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर उनके आशियानों में आग लगा दी | आउटलुक इंडिया में प्रकाशित खबर के अनुसार आलिशान मॉल व अन्य विलासता वाले भवनों के लिए उनकी जमीन को जबरन कब्जे के ले लिया गया जिसकी वजह से ग्रामीण विरोध प्रदर्शन कर रहे थे

जिस मांग के लिए महाराष्ट्र में प्रदर्शन उसी से किया केरल में किनारा 

महाराष्ट्र में आल इंडिया किसान सभा ने प्रदर्शन किया जिसमें एक मांग ये थी कि किसानो पर किसी प्रकार की जोर जबरदस्ती और दबाव डालकर उनकी जमीन लेने के लिए सरकार कोशिश न करे मगर खुद कम्युनिस्ट शासित राज्य में ऐसी घटना हो जाना दोगला चेहरा दिखाती है
इन्ही कारणों से केरल में कम्युनिस्ट सरकार की छवि दिन-ब-दिन गिरती जा रही है और बार बार ऐसा देखा जा रहा है कि जहाँ जहाँ कम्युनिस्ट सरकार पॉवर में होती है वहां पर अपनी सत्ता का दुरूपयोग करती है | घटना Keezhattur नामक जगह कि है जहाँ पर अभी तक मार्क्सवादियों का दबदबा है

सीपी नीलकांतन, सीपीआई (एम) के कार्यकर्ता पर निशाना साधते हुए कहते हैं कि यह विडंबना ही है कि जब मार्क्सवादी पार्टी महाराष्ट्र में किसानों के विरोध का समर्थन कर रही थी, तब वह राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के लिए धान की भूमि को लेने के खिलाफ आंदोलन को खत्म करने की कोशिश कर रहा था।

आदिवासी गोत्र महासभा के नेता सीके जानू ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सीपीआई (एम), जो अन्य जगहों के समान विरोधों का समर्थन कर रहे थे, केरल में एक अलग रुख अपना रहे थे।

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