अनिता महला#शोधार्थी(भूगोलविभाग)
राजस्थान विश्वविद्यालय ,जयपुर ।
किसान आंदोलन पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं कि शेखावाटी के किसान संम्पन है फिर बेवजह आंदोलन कर आम लोगों को परेशान क्यों किया जा रहा है ? । जो ये सोच रहे हैं वो थोड़ा जान लीजिए कि यह सही है कि शेखावाटी के किसानों के हालात ठीक है पर यह केवल खेती पर निर्भरता से नही है,जान ले कि यहाँ के हर गावँ से सैंकड़ों युवा सेना में है,अपनी जान जोखिम में डालकर अरब देशों में रोजगार कर रहें हैं और जो ये बुद्धिजीवी वर्ग बंद कमरो में बैठकर ज्ञान दे रहे हैं उनको ये भी पता होगा कि अरब देशों में क्या परिस्थितियां चल रही है।आप तब कहाँ थे जब कारगिल युद्ध के समय हर गावँ में तीसरे दिन शहीदों की लाशें आ रही थी,और आप तब भी चुप रहते है जब बेरोजगार युवा विदेश भेजे जाने के नाम पर पूंजीपत क़बूतरब़ाजों के चंगुल में फंसकर बर्बाद होता है।
आप से निवेदन है कि आप अपने उच्च ज्ञान विश्लेषण से किसानों को बक्स दीजिए।और आप सहयोग नही कर सकते हैं तो कम से कम गुमराह तो मत कीजिए ।
दूसरी बात: यह आंदोलन केवल शेखावाटी क्षेत्र का नही है यह आंदोलन पूरे राजस्थान का किसान आंदोलन है। पूरे राजस्थान से किसान सामूहिक रूप से मिलकर आंदोलनरत है।आधे से ज्यादा राजस्थान का किसान आज भी केवल ख़रीफ की फसल पर निर्भर है और आपकी जानकारी में यह तो होगा कि राजस्थान में मानसून की क्या स्थिति रहती है? राजस्थान में भूमिगत जल का स्तर क्या है? और कितनी सिंचाई पर निर्भरता है? और ये आंदोलन किसी जाति विशेष के फायदे के लिए नही है।
इस आन्दोलन का मकसद है: किसानों को फसल के उचित मूल्य मिलने का अपना हक दिया दिया जाए।
अच्छा होगा कि आप अपना थोड़ा ज्ञान हमारे जन प्रतिनिधियों को भी दे दें ताकि उन्हें विधानसभा में भूत प्रेत दिखना बन्द हो और सेवाभाव से काम कर सकें।

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